Women’s day special: महिलाऐ उच्च पद पर हो तो कम होगी रिश्वतखोरी

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International women's day

New Delhi:LGN: महिलाओं के बारे में बताए कि करीब 54 फीसदी भारतीय महिलाओं ने माना है कि उन्होंने सरकारी नौकरी पाने के लिए रिश्वत देती है ओर वही 33 फीसदी का कहना है कि रिश्वत देने के बाद भी उन महिलाओं को पूरी जानकारी न होने पर अधिकारियों की तरफ से उन्हें बार-बार दफ्तरों में बुलाया जाता है। बता दे कि महिलाएं और पुरुष दोनों ही इस बात से सहमत हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम भ्रष्टाचारी होती हैं।Transparency International India (TII ) के एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। जब कि ‘The Gender Dimension of Corruption जैसे मुद्दे और चुनौतियां’ पर Transparency International India ने International Women’s Day पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिस में ग्रामीण इलाकों के 1,100 उत्तरदाताओं और शहरी इलाकों की 3,500 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया।
उत्तरदाताओं ने इसमें कहा कि 38 फीसदी नागरिकों को लगता है कि जिम्मेदार और उच्च पद पर अधिक महिलाओं के होने से रिश्वतखोरी कम हो सकती है क्यों कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम भ्रष्टाचारी होती हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि 35 फीसदी महिलाओं ने कहा है कि नौकरी का लाभ उठाने के लिए उन्हें सीधे तौर पर रिश्वत देने के लिए कहा गया। जानकारी के मुताबिक पुरुष और महिला उत्तरदाताओं में से ज्यादातर मानना है कि भ्रष्टाचार और महिलाओं के बीच सीधा संबंध है। इस बात से महिलाएं और पुरुष दोनों ही सहमत हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम भ्रष्टाचारी होती हैं। 38 फीसदी नागरिकों को लगता है कि जिम्मेदार और उच्च पदों पर अधिक महिलाओं के होने से रिश्वतखोरी कम होगी जब की इस बात से बहुत कम लोग असहमत हैं।
सच तो यह है कि शहरी महिलाओं से रिश्वत देने के लिए कम कहा जाता है। क्यों कि वह अपने अधिकारो के बारे में जानती है। जानकारी के मुताबिक ’54 फीसदी महिलाओं ने माना कि सरकारी नौकरी पाने के लिए उन्होंने रिश्वत दी,यह वो महिलाए है जिन को अपने अधिकारो के बारे में कम जानकारी होती है। जबकि 43 फीसदी महिलाओं ने कहा कि सरकारी नौकरी पाने के लिए उन्होंने किसी तरह की कोई रिश्वत नहीं देनी पड़ी ।यह वो महिलाएं हैं जिन को अपने अधिकारो बारे में पता होता है। और इन शहरी महिलाओं से रिश्वत के लिए कम कहा जाता है। इस कारण महिलाएं चाहे शहरी हो या फिर गांव की उन को अपने अधिकारो के प्रति जागरूक होना बहुत जरुरी है।