New Delhi:LGN: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों के चलते सारी दुनिया में क्रूड के दाम काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ये 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं। अगर एेसा होता है तो भारत की केंद्र और राज्य सरकारों को जबरदस्त जनाक्रोश का सामना करना पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकारों ने तेजी से टैक्स नहीं घटाए तो आने वाले चुनावों में 4 राज्यों में सत्ता परिवर्तन सुनिश्चित हो जाएगा।
बैंक ऑफ अमेरिका कॉर्पोरेशन के मुताबिक वेनेजुएला और ईरान में सप्लाइ में कमी आने के चलते यह समस्या पैदा हो सकती है। बैंक का कहना है कि 2019 की दूसरी तिमाही तक यह आंकड़ा 90 डॉलर प्रति बैरल तक हो सकता है। इसकी वजह वैश्विक स्तर पर उत्पादन में कमी की स्थिति है। बैंक के मुताबिक ओपेक देशों की ओर से उत्पादन को सीमित किया जा सकता है।
वहीं ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक यदि कीमतों में उछाल जारी रहा तो 2014 के बाद यानी करीब 5 साल के बाद पहली बार कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर जाएगी।
वहीं ईरान ने पहले से ही सप्लाइ की कमी से जूझ रहे क्रूड मार्केट को झटका देते हुए उत्पादन में कमी करने की चेतावनी दी है। ओपेक देशों के सप्लाइ कट के फैसले और वेनेजुएला में उत्पादन में अचानक कमी के चलते पहले ही कीमतों में तेजी का दौर जारी है।