New Delhi:LGN: ट्रॉफी के फाइनल में बांग्लादेश की कोशिश एक और बढ़ा बदलाव करके भारत को हरा कर ट्रॉफी अपने नाम करने की होगी। भारत टीम इस टूर्नामेंट में खेले गए चार प्रतियोगिताएं में तीन में जीत हासिल करने में सफल रही है। वहां ही बांग्लादेश की टीम दो बार श्रीलंका को हराकर फाइनल तक का सफर करने में कामयाब रही। भारत ने इस श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन किया है। फाइनल में शामिल होने से पहले, उनकी सबसे बड़ी चिंता कप्तान रोहित शर्मा की फॉर्म भी दूर हो गई है। रोहित ने बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए पिछले मैच में अर्धशतक पारी खेल कर वापसी करते हुए बांग्लादेश को हार का मज़ा चखाया है। दूसरी ओर, उनके साथी शिखर धवन ने इस श्रृंखला में खेले गए अब तक के तीन मैचों में दो अर्धशतक लगा दिए है। वरिष्ठ बल्लेबाज सुरेश रैना ने भी पिशले मैच में 47 रनों की पारी खेली थी। भारतीय टीम में लंबे समय के बाद वापसी कर रहे सुरेश रैना का प्रदर्शन भी इस टूर्नामेंट में अच्छा ही रहा है। हालांकि, फाइनल मैच में एक बार फिर से सभी की आंखें रैना पर होंगी। इसकी वजह फाइनल मैचों में रैना का पिछला रिकॉर्ड है।
यह है रैना की फार्म
सुरेश रैना फाइनलस में शानदार प्रदर्शन के लिए जाने जाते है। टी-20 टूर्नामेंट के 11 फाइनल मैचों में रैना ने 159.56 के शानदार अर्धशतकीय दर से 367 रन बनाए। इस दौरान रैना एक शतक और दो अर्धशतक लगाने में भी कामयाब रहे। भारतीय टीम चाहेंगी कि बांग्लादेश के विरुद्ध भी रैना टीम के लिए कुछ इसी तरह का प्रदर्शन करे। चूंकि इस टूर्नामेंट में बैलेबाजी से अधिक भारत की परेशानी गेंदबाजी रही है।
भारतीय टीम के पास विकेट्स निकालने वाले स्पिनर
टोप ऑर्डर के जल्दी आउट होने के बावजूद भी मिडल आर्डर ने भारत को कई मैचों में जीत दिखाने का काम किया है। मनीष पांडे और दिनेश कार्तिक इस समय शानदार फॉर्म में हैं और वह अपने फार्म को फ़ाइनल में भी बरकरार रखना चाहेंगे। इसके अलावा टीम में यूजवेदर चाहल और वाशिंगटन सुंदर के रूप में दो स्पिनर हैं। वहां ही शार्दुल ठाकुर ने भी अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया है।