हरियाणा की मानुषी छिल्लर ने शनिवार को मिस वर्ल्ड खिताब जीतकर भारत का 17 साल का इंतजार खत्म किया। चीन के सान्या शहर एरेनम में रंगारंग आयोजन के दौरान मानुषी ने 107 देशों की सुंदरियों को पछाड़ते हुए ताज अपने नाम किया।
मानुषी भारत के लिए मिस वर्ल्ड का ताज पाने वालीं छठवीं सुंदरी हैं। इससे पहले साल 2000 में प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनी थीं। हरियाणा में जन्मीं 20 साल की मानुषी मेडिकल छात्रा हैं और उनकी पढ़ाई सोनीपत और दिल्ली से हुई है।
उन्होंने इस साल मई में मिस इंडिया का खिताब जीता था। मानुषी इंग्लैंड, फ्रांस, कीनिया और मैक्सिको की प्रतिभागियों के साथ आखिरी पांच दावेदारों में शामिल थीं और टॉप 40 का ऐलान होने के बाद से उन्हें खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। मेडिकल स्टूडेंट मानुषी हेड टू हेड चैलेंज और ब्यूटी विद पर्पस सेगमेंट दोनों में अव्वल रहीं। प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर मिस इंग्लैंड स्टेफनी हिल और तीसरे स्थान पर मिस मैक्सिको आंद्रिया मेजा रहीं।
कॉमेपटिशन के दौराम मानुषी से पूछा गया था कि किस प्रोफेशन को सबसे ज्यादा सैलरी मिलनी चाहिए और क्यों? तो उनका जवाब था कि एक मां को सबसे ज्यादा रिस्पेक्ट मिलनी चाहिए और रही सैलरी की बात तो उन्हें पैसे नहीं बल्कि सम्मान और प्यार मिलना चाहिए।
मिस वर्ल्ड बनने वाली पहली भारतीय सुंदरी रीटा फारिया हैं, जिन्होंने 1966 में यह खिताब अपने नाम किया था। वर्ष 1999 में यह खिताब भारतीय सुंदरी युक्ता मुखी के नाम था। वहीं 1997 में डायना हेडन और 1994 में ऐश्वर्या राय मिस वर्ल्ड बनी थीं।
मानुषि छिल्लर कक्षा दो से 12 तक मंदिर मार्ग स्थित सेंट थॉमस स्कूल में पढ़ी हैं। स्कूल की प्रिंसिपल अनुराधा अमोस बताती हैं कि मानुषि शुरू से ही कला में काफी रुचि रखती थी। स्कूल से हर कार्यक्रम में म्यूजिक व डांस के हिस्से में वो बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती थी।
मानुषि की प्रिंसिपल ने बताया कि वह सोनीपत के खानपुर स्थित मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी और दूसरे साल में उसने ब्रेक लिया। इस पर इन्होंने उसे समझाया कि पढ़ाई को पूरा करे। इस पर मानुषि ने कहा कि वह वापस अपनी पढाई को जरूर पूरा करेगी।