कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने आगाह किया है कि भ्रष्टाचार के जिन आरोपों ने संप्रग-2 को डुबोया, वैसे ही आरोप अपने कार्यकाल के समापन की ओर बढ़ रही नरेंद्र मोदी सरकार पर भी लग सकते हैं।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग-2 सरकार पर उसके कार्यकाल के अंतिम दौर में भ्रष्टाचार के कई आरोप लग चुके थे। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल की समाप्ति ( वर्ष 2019 में ) पर यही धब्बा भाजपा सरकार पर भी लग सकता है, हालांकि वह नहीं चाहते कि ऐसा हो।
चिदंबरम ने कल यहां टाटा लिटरेचर लाइव महोत्सव में एक परिचर्चा में कहा, अपना कार्यकाल पूरा करने वाली पिछली सरकार संप्रग की थी। वह संप्रग का दूसरा कार्यकाल था और उस पर धब्बा लगा। किसी भी सरकार का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने तक इंतजार करें, उस पर भी पिछली सरकार की तरह ही धब्बा लगेगा।
संप्रग सरकार में मंत्री रह चुके चिदंबरम ने कहा, मैं नहीं चाहता कि ऐसा हो, लेकिन ऐसा होगा। उन्होंने कहा, संप्रग सरकार के कार्यकाल के आखिरी दिनों में उस पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे। लेकिन जब तक किसी को दोषी नहीं ठहराया जाता और सजा नहीं दी जाती, तब तक मैं यह मानने को तैयार नहीं हूं कि वह दोषी है।
चिदंबरम ने कहा कि जब तक सामने वाला बेकसूर साबित नहीं हो जाता तब तक उसे दोषी समझा जाता है और मेरे विचार से यह गलत है क्योंकि इससे देश में कानून का शासन प्रभावित होगा। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि भ्रष्टाचार का मुख्य कारण लालच है जो चुनाव के लिए धन की जरूरत से जुड़ा है।
उन्होंने कहा राजनीतिक व्यक्ति या राजनीतिक दल के मामले में, चुनाव के लिए पैसा जरूरी है जो उस राह पर भेजता है जिसे आप भ्रष्टाचार कहते हैं। जब तक आप चुनाव के लिए धन के रास्ते नहीं खोज लेते तब तक आप भ्रष्टाचार को कम नहीं कर पाएंगे।
चिदंबरम ने दावा किया कि जहां तक जाली नोटों पर रोकथाम की बात है तो नोटबंदी निराशाजनक रूप से विफल रही। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर आप जानना चाहते हैं कि नोटबंदी कहां विफल रही, तो जहां आप भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगा सके, आप काले धन पर रोकथाम नहीं कर सके और अब गुजरात में जाकर अगले 20 दिन तक रहकर देखिए तो आपको पता चल जाएगा कि वहां किस तरह का पैसा खर्च किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केवल 41 करोड़ रुपये की जाली मुद्रा जब्त कर सकी जो नोटबंदी के बाद वापस आये सारे जाली नोटों का महज 0.0027 प्रतिशत है। चिदंबरम ने दावा किया, जाली नोटों को समाप्त करने के लिहाज से देखें तो नोटबंदी निराशाजनक रूप से नाकाम रही। उन्होंने कहा कि सरकार ने दावा किया कि नोटबंदी के बाद आतंकवाद पर काबू पाने में मदद मिली, लेकिन 10 नवंबर तक घुसपैठों की संख्या, मारे गये आतंकवादियों की संख्या, मारे गये नागरिकों की संख्या और शहीद हुए जवानों की संख्या, सबकुछ 2016 की इस अवधि की तुलना से ज्यादा हैं।