Chandigarh:LGN: पंजाब सरकार अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर ख़ज़ाना भरने की तैयारी कर रही है। सरकार कांट्रैक्ट पर काम कर रहे शिक्षकों का वेतन 42,800 रुपए से घटा कर 10,800 रुपए प्रति महीना करने की योजना बना रही है। कैप्टन सरकार कच्चे कर्मचारियों को पक्का कर उन को तीन साल प्राथमिक वेतन देने की नीति बना रही है। इस नीति के अंतर्गत कर्मचारियों के वेतन में 75 प्रतिशत कटौती होगी।
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इस के साथ सर्व शिक्षा अभियान (ऐसऐसए) और राष्ट्रीय माधमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के अंतर्गत काम कर रहे 17,000 के करीब टीचिंग व नान-टीचिंग स्टाफ का वेतन कम हो जाएगा। इस के इलावा अन्य विभागों में ठेका आधारित कर्मचारियों के वेतन में भी कटौती की जा सकती है।
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बता दें कि पंजाब सरकार की तरफ से वित्तीय संकट के मद्देनज़र ठेका आधारित कर्मचारियों को रेगुलर करने के लिए बनाए जा रहे इस प्रावधान में ऐसे कर्मचारियों को पहले तीन साल प्राथमिक वेतन देने के बारे में सोचा जा रहा है। दूसरी तरफ़ पंजाब सरकार कई सालों से ऐसऐसए और रमसा अधीन काम करते आ रहे 15,600 शिक्षकों को रेगुलर सकेल्स में प्राथमिक वेतन और डीए के आधार पर वेतन दे रही है।
इस के अंतर्गत इन शिक्षकों का वेतन प्रति माह 42,800 रुपए के करीब बनता है। यदि सरकार की तरफ से बनाए जा रहे प्रावधान को मनजूरी मिलती है तो इन शिक्षकों को रेगुलर किया जाएगा और इस नीति के अंतर्गत 42,800 रुपए वेतन लेने वाले शिक्षकों को पहले 3 साल मात्र 10,800 रुपए प्रति माह ही वेतन मिलेगा।
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गौरतलब है कि पूर्व बादल सरकार की तरफ से 27,000 ठेका कर्मचारियों को रेगुलर करने के लिए अंतिम समय बनाऐ एक्ट में बाकायदा प्रावधान है कि कर्मचारियों को रेगुलर करते समय उन का वेतन कम नहीं किया जाएगा और कर्मचारियों का वर्तमान वेतन बरकरार रखा जाएगा।