New Delhi:LGN: आम जनता को अलग-अलग तरह के अधिकार देने वाली मोदी सरकार ने अब दश के लोगों को ‘बिजली का अधिकार’ देने की योजना बनाई है। संसद के मानसून सत्र में बिजली आपूर्ति पाने के अधिकार के लिए केंद्र सरकार बिल लाने की योजना बना रही है। इस बिल के पास होने के बाद इस वर्ष अप्रैल माह से सामान्य स्थितियों में दिन में 24 घंटे बिजली सप्लाई न होने पर पावर डिस्ट्रिब्यूटर्स से जवाब मांगा जाएगा।
अंग्रेजी अखबार इकोनामिक्स टाइम्स में छपी खबर के अनुसार केंद्र सरकार ने देश में हर घर को 24 घंटे बिजली सप्लाई सुनिश्चित करने की समावधि 1 अप्रैल 2019 तय की है। वहीं ऊर्जा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘मुख्य रुकावट वितरण की है, न कि उत्पादन और ट्रांसमिशन की।’
935 गांव अभी तक अंधेरे में
NDA सरकार ने सभी गांवों के विधुतीकरण के लिए समय सीमा 1 मई 2019 की रखी है। बता दें कि अभी तक 935 गांव एेसे हैं जहां बिजली की सुविधा नहीं है। सरकार इन गांवों में भी 15 अप्रैल तक बिजली पहुंचाने के लिए प्रतिबध है।
बिजली न मिलने पर होगा दंड
मोदी सरकार की ओर से लाए जाने वाले इस बिल में सामान्य परिस्थितियों में ग्रहक को पावर सप्लाई न देने पर डिस्ट्रिब्यूटर्स को दंड देने का प्रावधान होगा। बता दें कि सामान्य स्थिति का मतलब है कि ब्रेकडाउन न हो या कोई तकनीकी कमी न होने पाए। जबकि देश में थर्मल और हाइड्रो पावर जरूरत से ज्यादा उत्पादन कर रहे हैं।